Thursday, December 20, 2012

मार दो मेरे अन्दर के मर्द को :(

तुम दिल्ली के किसी अस्पताल में

वेंटिलेटर पर पड़ी हो

किसी भी पल कोमा में चली जाओगी

ऐसा कहा है अखबार ने,

टीवी पर तुम जैसी एक लड़की ने

रेडियो भी कह रहा था यही बात

सुनो! मुझे तुमसे शिकायत है

हाँ! सीता

द्रौपदी

अहिल्या

मलाला यूसुफजई

सोनी सोरी

मनोरमा मणिपुरी

जो भी तुम्हारा नाम हो

मुझे तुमसे शिकायत है!

तुम वापस क्यों नहीं आती

दुर्गा, चंडी, काली

उदा पासी

फूलन देवी

या ऐसी ही कुछ बन कर

मैं चाहता हूँ

कि मेरे भीतर के मर्द को तुम मार दो!

वो भी था

दिल्ली कि उस चलती हुई बस में

जहाँ तुम्हारे एहसासों के परिंदे के पर काट दिए गए

और उसके मरे हुए मुंह पर लिख दिया गया

दुनिया दरिंदों की है!

मैं तुम्हें बुला रहा हूँ

तुम आना जरूर आना

और मेरे भीतर के मर्द को

ज़हर देना

जला देना

फाँसी देना

बलात्कार कर देना

या फिर ऐसा ही कुछ जो तुम्हारे मन में आए

पर तुम आना जरूर

क्योंकि मैं चाहता हूँ

कि मेरे भीतर के मर्द को मार दिया जाए

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